दिव्य संवाद टीम, अररिया: एक पक्का घर हो यह सपना किसका नहीं होता। इन सपनों को पूरा करने आई प्रधानमंत्री आवास योजना ,सुशासन बाबू की सरकार में गरीबों को कम और अमीरों को ज्यादा भा रही है बदकिस्मती से गरीबों को मिल भी जाए तो नजराना के जाल में बेचारा गरीब का सपना अधूरा रह जाता है।

वहीं यदि इस योजना का लाभ किसी अमीर या जन प्रतिनिधि को मिले तो सब जांच और कानूनी फॉर्मेलिटी चाय की चुस्की में हीं हो जाती है।

इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि भरगामा प्रखंड के जयनगर पंचायत के मुखिया मनोरमा देवी अपने कार्यों को लेकर इन दिनों चर्चा में है। जयनगर पंचायत की आम जनता उस वक्त चौक गई, जब उन्हें यह पता चला कि पंचायत में सबसे गरीब परिवार, मुखिया का अपना परिवार है।

दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना जिसके तहत गरीबों को पक्का घर बनाने हेतु आर्थिक सहायता दी जाती है।

इस योजना में मुखिया मनोरमा देवी ने अपने पति संदेव मेहता का नाम जोड़कर योजना का लाभ ले लिया। इस बाबत पंचायत के गणपत कुमार ने जिला पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी को एक शिकायती पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग की है।

शिकायती पत्र में कहा गया है कि जयनगर के मुखिया मनोरमा देवी जो 2016 में जयनगर पंचायत के मुखिया बनी, ने अपने पति संदेव मेहता को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया है, जो सरासर गलत है।

मुखिया को खुद का विशाल पक्का का विशाल भवन पूर्व से बना हुआ है। मुखिया पति संदेव मेहता के नाम कई व्यवसायिक वाहन का रजिस्ट्रेशन है। मुखिया परिवार आवास योजना हेतु अपात्र हैं।

मुखिया मनोरमा देवी अपने पद का दुरुपयोग किया है। वहीं मुखिया ने सभी आरोपों को बेबुनियाद एवं साजिश करार दिया है।

अब देखना यह है कि सुशासन बाबू की सरकार में वास्तविक जांच एवं अन्य कार्रवाई हो पाती है, या फिर लाखों की संपत्ति वाले मुखिया का परिवार पंचायत के सबसे गरीब परिवार करार दिया जाता है।