दिव्य संवाद अररिया: अररिया जिला के भरगामा के वीरनगर पश्चिम में दिसम्बर माह में छह साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में स्पेशल पॉस्को कोर्ट ने आरोपी मोहम्मद मेजर को फांसी की सजा सुनाई है। न्यायाधीश शशिकांत राय कि कोर्ट ने जीवन समाप्ति तक फांसी पर लटकाये रखने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने धारा 3(2)(V) एससी/एसटी अधिनियम के अंतर्गत आजीवन सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपये का जुर्माना एवं न देने पर दस दिन का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पॉस्को एक्ट एवं रूल्स 2012 के अंतर्गत पीड़िता को विक्टिम कम्पनशेसन फंड से डीएलएसए सचिव को दस लाख रुपये प्रतिकर दिए जाने का आदेश दिया है।





सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने धारा 376 ए, बी भादवि के अंतर्गत जहां जीवन समाप्ति तक फांसी पर लटकाये रखने का आदेश दिया। वहीं धारा 3(2) (V) एससी/ एसटी अधिनियम के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपये जुर्माना और जुर्माना न देने पर दस दिन का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा मुकर्रर की है। अपने सुनवाई में कोर्ट ने धारा 4 पॉस्को मामले में स्पष्ट किया है कि अभियुक्त को धारा 42 पॉस्को अधिनियम के प्रकाश में केवल दोष सिद्ध करार दिया गया। वहीं 376 ए बी भादवि के अंतर्गत दंडित किया गया है। कोर्ट ने यह फैसला महिला नगर थाना कांड संख्या- 137/2021 में सुनाया है।





चार दिन की ट्रायल, फिर आया ऐतिहासिक फैसला…









स्पेशल पॉस्को सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशिकांत राय के कोर्ट के संज्ञान में
मामला इसी साल 20 जनवरी को आया था और 22 जनवरी को आरोप तय किया गया ।
जिसके बाद गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए महज चार दिनों में ही यह ऐतिहासिक
फैसला सुनाया।





क्या था मामला





भरगामा थाना क्षेत्र के वीरनगर पश्चिम में 01दिसम्बर को आरोपी मो. मेजर ने छह साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी वाली घटना को अंजाम देने के बाद उसे घर के पास लाकर फेंक दिया था। पीने के लिए पानी मंगवाने के बहाने उसे अगवा कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। इस दरिंदगी की कहानी स्थानीय लोगों ने गुप्त तौर पर तत्कालीन एसपी हृदयकान्त को दी थी। जिसके बाद एसपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार के साथ महिला थानाध्यक्ष और भरगामा थानाध्यक्ष को गांव भेजकर एफआईआर के साथ मासूम का मेडिकल ट्रीटमेंट कराया गया था।









प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही आरोपी मो. मेजर फरार था। लेकिन पुलिसिया दबिश को देखते हुए कोर्ट में सरेंडर करने अररिया पहुंचे मेजर को पुलिस ने चांदनी चौक से गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद महिला थानाध्यक्ष रीता कुमारी ने पीड़िता और घर वालों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट एवं अनुसंधान में घटना को सही पाते हुए 12 जनवरी 2022 को आरोप पत्र समर्पित कि छह साल की मासूम के साथ दरिंदगी को लेकर जमकर सियासत हुआ था। आरोपी मेजर की गिरफ्तारी को लेकर धरना-प्रदर्शन से लेकर सियासतदानों द्वारा पीड़िता के घर पहुंचकर जमकर सियासत भी की गई थी। मामले में जन अधिकार पार्टी के संरक्षक एवं मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव भी पीड़िता के घर पहुंचकर पीड़िता के परिवार को आर्थिक सहायता देने के साथ ही फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के वरीय अधिकारियों से बात कर गिरफ्तारी को लेकर दबाब बना रहे थे।





मुझे चुंनावी रंजिश में फंसाया गया- मोहम्मद मेजर





कोर्ट में कार्रवाई के दौरान आरोपी मेजर ने मामले में घटना के दिन नहर के पश्चिम अर्जुन राम के घर मे होने की बात करते हुए मामले में अपने को बेकसूर होने का हवाला देते हुए चुनावी रंजिश में फंसाने के आरोप लगाया उन्होंने वर्तमान मुखिया मोहम्मद शाहिद, नजाम तथा स्थानीय पत्रकार असलम बेग पर फंसा देने का आरोप लगाया। हालांकि कोर्ट के पास सारे सबूत मेजर के विरोध में था, जिसके आलोक में कोर्ट ने सजा सुनाई। बहरहाल लगातार अररिया का स्पेशल कोर्ट पॉस्को मामले में जिस तरह त्वरित गति से निष्पादन करते हुए ऐतिहासिक फैसला दे रहा है। वह न्यायिक व्यवस्था पर लोगों का भरोसा और भी बढ़ रहा है।