अररिया (भरगामा), पटना उच्च न्यायालय में एक अहम जनहित याचिका सांख्या 9582/2021 (गणपत कुमार मेहता बनाम बिहार सरकार एवं अन्य) मे सुनवाई करते हुए पटना उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायमूर्ति संजय करोल एवं न्यायमूर्ति एस कुमार के दितीय खंड पीठ ने जिला पदाधिकारी अररिया को निर्देश दिया की जीले के जयनगर पंचायत अंतर्गत मनरेगा योजना में हुए घपला एवं कायोॅ का जांच कर दोषी मूखिया एवं पदाधिकारी के खिलाफ कानूनी कारवाई करे. साथ साथ यह भी निदेॅश दिया गया कि जांच तीन महीने के भीतर हो जानी चाहिए। वादी गणपत कुमार मेहता के अधिवक्ता सीता राम प्रसाद ने यह जानकारी दी.

अररिया में मुर्दे भी करते हैं मनरेगा में काम

उन्होनें यह भी कहा कि सुनवाई से पहले भी मनरेगा मजदुर एवं वादी गणपत कुमार मेहता के द्वारा जिला प्रशासन एवं अन्य उच्च पदाधिकारी को इस बात की जानकारी दिया गया था। लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा अनदेखी की जा रही थीः अनततह मामला उच्च न्यायालय में जनहित याचिका के द्वारा लाया गया।

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बता दे कि मामला तव उछलकर सामने आया जब माननिय उच्च न्यायालय के समक्ष एक योगानंद चौपाल नामक मृत व्यक्ति पिछले 2 वर्षों से मनरेगा में काम करते हुए पाया गया। उच्च न्यायालय में इसके अलावा भी कई योजनाओं में घोटाले की बात बताई गई। जिसमें मनरेगा के तहत आवास लाभुकों को मिलने वाला पैसा में भारी अनियमितता पाई गई। कई कार्य मशीनों से करवाकर फर्जी तरीके से पैसा मनरेगा मजदूर के खाते में मंगाया गया। कई बिना कार्य किए हीं पैसा उठाया गया। उच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद बिचौलियों एवं भ्रष्ट पदधिकयों में खलबली मच गई है।

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