
दिव्य संवाद टीम, पटना, बिहार के समस्त पीएलभी ( PLV ) पारा लीगल वालंटियर के माथे पर इन दिनों चिंता की लकीरें खिंच गई है। बिहार के सभी ग्रुपों में इनकी चहल-पहल साफ देखी जा सकती है। सभी अपने व्हाट्सएप ग्रुप में अपने अस्तित्व को खतरे में देख अपने-अपने सुझाव दे रहे हैं एवं कमेटी गठित करने की बात कह रहे हैं।
क्या है PLV के चिंता की वजह?
यहां यह बताना जरूरी है कि राजस्थान राज्य में कुछ दिन पहले PLV पारा लीगल वोलेंटियर्स के वेतन को लेकर राजस्थान स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी में मामला चला था ।हालांकि बाद में कथित तौर पर कुछ काट छाँट कर पेमेंट भी हुआ था। किंतु उसके बाद पी एल भी का कार्य रोक दिया गया और पुराने PLV को हटाकर नए को रखा गया था।
अभी हाल ही में त्रिपुरा राज्य में पीएलभी के सभी कार्यों को 1 अगस्त से अगले आदेश तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया।
उसके बाद वेस्ट बंगाल, ओडिशा राज्य में भी राज्य विधिक सेवा प्राधिकार में फंड नहीं होने के कारण पारा विधिक स्वयंसेवकों के कार्यों को सस्पेंड करने की खबर आई। इसी खबर ने देश के सभी पीएलभी PLV को चिंता में डाल दिया। हालांकि इस आदेश में स्थायी रूप से पीएलभी को हटाने की बात कहीं नहीं कही गई है। केवल अगले आदेश तक उनके कार्यों को सस्पेंड किया गया है।
जानकारों का मानना है कि यही हथकंडा अन्य राज्यों में अपनाया जा सकता है। क्योंकि देश के सभी पीएलभी एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ने की बात कर रहे थे। PLV के कार्यों को सराहा भी गया।
PLV हमारे देवदूत हैं - न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा
उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने विधिक सेवा दिवस के अवसर पर PLV से कहा था कि आप लोग हमारे देवदूत हैं। आप हमारी बातों को समाज के अंतिम छोड़ पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाते हैं। आप अकेले नहीं हैं, हम आपके पीछे खड़े हैं। निर्धन और असहाय लोगों को न्यायिक संस्थाओं पर भरोसा है और आप हमारे देवदूत हैं । इसलिए आप पर भी उनका उतना ही भरोसा है।
इसी कार्यक्रम में उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति श्री रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति श्री मदन बी लोकुर एवं दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र भट्ट ने भी संबोधित किया था, और पीएलभी के कार्यों की सराहना की थी।
PLV को दिया जाएगा "पदम अवार्ड" - रविशंकर प्रसाद

उक्त कार्यक्रम में केंद्रीय कानून एवं न्याय/सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने PLV के कार्यों की सराहना करते हुए आश्वासन दिया था कि PLV के नाम की संस्तुति पदम अवार्डों के लिए की जाएगी।
पिछले कुछ दिनों से पीएलबी की हालत चिंताजनक है। कुछ राज्यों में पीएलभी के कार्यों को जिस तरह से फंड का अभाव बताकर सस्पेंड कर दिया गया है, इससे यही लगता है कि सभी वादे टाय-टाय-फिस्स हो गए हैं।
फिलहाल देखना यह है कि राज्यों के पीएलभी, जहां उनके कार्यों को सस्पेंड किया गया है वह क्या कदम उठाते हैं?साथ ही यह भी देखने वाली बात होगी कि क्या किसी अन्य राज्यों में भी इसी तरह के कदम उठाए जा सकते हैं? या नहीं ।
नोट:- दिव्य संवाद की टीम PLV की इस खबर पर नज़र बनाए हुए है। यदि आप इस संबंध में कुछ कहना चाहते हैं, तो अपनी राय कमेंट में हमें बताएं। यदि संपर्क करना चाहते हैं तो Contact फॉर्म भरें।
3 Comments
बहुत अच्छा जानकारी दिया है आपने धन्यवाद।
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