आज हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे आपसी बंटवारा कैसे होता है। जमीन का बंटवारा का नियम अगर आपके परिवार में तीन से चार भाई हैं और परिवार में बंटवारा होने वाला है या बंटवारे को लेकर आपको परेशानी हो रही है तो वो कौन सी बातें हैं जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए।

ताकि आपको अपने हिस्से का हक मिल सके। अपने दादा के परदादा की भूमि पर और भविष्य में आप एक सुखी जीवन व्यतीत करें। इस कार्य को पूरा करने के लिए आपको अपने नाम का जमाबंदी होना चाहिए। अगर आपके नाम पर जमाबंदी नहीं है। तो आपको उस जमीन का स्वामित्व कभी नहीं मिल सकता है।

उस जमीन पर आपको कर्ज भी नहीं मिलेगा। जमाबंदी के लिए आलको 50 रुपये का स्टांप पेपर उपलब्ध करना होगा। जो कोई भी इस कागज को बेचेगा हमें उसको 100 रुपया देने होगा। आइए जानते हैं कि बंटवारा किस तरह की परिस्थितियों में मान्य होता है।

जमीन बंटवारा का नियम और कितने प्रकार का होता है।आप किसी भी संपत्ति का आपसी विभाजन कर सकते हैं। आपकी जमीन हो या कोई संपत्ति आप इसे आसानी से बांट सकते हैं।

दरअसल इसमें यह कहानी हो जाती है की पंचायत से जो आता है उसकी घर की स्थिति खुद सही नहीं होती है तो वह दूसरो को ज्ञान किस तरह से देगा की आप वहाँ रहो और तुम यहां रहो यु कहें की पंचायती फैसला जिसकी लाठी उसकी भैंस के बराबर है। तो पंचायती बंटवारे को भी खारिज करा दीजिए।

यदि आप लोग तहसील में बाँट दें तो यह विभाग आपके लिए बहुत ही आसान और बहुत सस्ता बना देगा और बहुत जल्द बंटवारा हो जाएगा। ऐसे में संपत्ति भी आपके लोगों के नाम पर बनेगी। यानी जितना अधिकार आपको मिल रहा है। संपत्ति के नाम पर सरकार के घर में दस्तावेज भी तैयार होगा।

जमीन का कागजात कहीं खो गया है। तो क्या करें।

और आप लोगों के नाम एक जमाबंदी और रसीद आपको अपने नाम पर मिल जाएगी। जमीन का रसीद भी काट सकते हैं। इस वितरण को करने के लिए आप अपनी तहसील में आवेदन कर सकते हैं। और इसमें ₹1000 तक का खर्च आएगा।

सबसे मजबूत और ठोस बंटवारा रजिस्ट्री बंटवारा होता है। यदि आप रजिस्ट्री का बंटवारा करते हैं। तो यह आपको अधिक खर्च करेगा। आपकी संपत्ति के मूल्य के अनुसार खर्च भी आपको उठाना होगा।

परिवार के सभी सदस्य आपसी सहमति से रजिस्ट्री कार्यालय में जाकर इस बंटवारे को बांट सकते हैं। यह बंटवारा एक ही दिन में पूरा हो जाएगा और सभी लोगों को संपत्ति से अलग-अलग दस्तावेज दिए जाएंगे। यह काम आप ऑनलाइन भी करवा सकते हैं। फिर भी खर्चों में कोई अंतर नहीं आएगा।