कोरोना वायरस की वजह से विश्व में कई देश प्रभावित हुए। लाखों करोड़ों लोगों की जानें गई। इस बीच महिला आयोग को कोरोना वायरस की वजह से एक विशेष फैसला लेना पड़ा। क्योंकि कोरोना वायरस लगभग कुछ ना कुछ सभी पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपना असर डाल दिया।

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से मानसिक प्रताड़ना की बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर राष्ट्रीय महिला आयोग 24 घंटे सेवा देने वाली हेल्पलाइन शुरू करने की योजना बना रहा है।

आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि इस हेल्पलाइन की शुरुआत पहले उत्तर भारत में की जाएगी और बाद में देश के बाकी हिस्सों में विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल हेल्पलाइन शुरू करने की तारीख अभी तय नहीं की गई है।

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शर्मा ने कहा कि हेल्पलाइन विकसित करने की परियोजना में चंडीगढ़ के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान परास्नातक संस्थान का सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने कहा-हेल्पलाइन शुरू करने की तारीख पर अब तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, इसे पहले उत्तर भारत में शुरू किया जाएगा और धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्सों में विस्तारित किया जाएगा।

आयोग को पिछले कुछ महीनों के दौरान महिलाओं के मानसिक और भावनात्मक शोषण के संबंध में प्राप्त होने वाली शिकायतों में हुई वृद्धि के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। आयोग के आंकड़ों के मुताबिक लॉकडाउन के बाद उन्हें अप्रैल से लेकर अब तक मानसिक प्रताड़ना और भावनात्मक शोषण से संबंधित 2,320 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसके विपरीत आयोग को दिसंबर 2019 से मार्च 2020 के बीच ऐसी 1,550 शिकायतें मिली थीं।

कोरोनावायरस की वजह से महिला-पुरुष में बढ़ा तनाव:

रेखा शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पुरुषों और महिलाओं, दोनों को ही मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। लॉकडाउन के दौरान महिलाएं घर से ही काम कर रही थीं, तो उन्हें अन्य घरेलू कार्य भी करने पड़ रहे थे। ऐसे में मानसिक रूप से प्रताड़ित होने की स्थिति में वे अपने माता-पिता के पास जाने में भी समर्थ नहीं थीं, जबकि सामान्य दिनों में वे अपने परिवार और मित्रों से समस्या साझा कर सकती हैं।