एक पिशाचिनी की लव स्टोरी कहानी।
बहुत समय पहले, एक घने और रहस्यमयी जंगल में एक पिशाचिनी का वास था, जिसका नाम निशा था। निशा को लोग खतरनाक और खून की प्यासी समझते थे। गाँवों में उसकी कहानियाँ डर और दहशत फैलाती थीं। कहते थे कि रात के अंधेरे में निशा जंगल से निकलती थी और लोगों की आत्माओं को खींचकर अपनी शक्ति बढ़ाती थी। लेकिन उसकी यह कहानी उतनी सरल नहीं थी; उसकी अंधेरी और भयानक दुनिया के पीछे छिपी थी एक अद्वितीय प्रेम कथा।
निशा हमेशा से पिशाचिनी नहीं थी। वह एक सुंदर, मासूम और खुशहाल लड़की थी, जिसे एक साधारण गाँव के किसान के घर जन्म लिया था। उसकी हँसी से गाँव गूंजता था और उसकी आँखों में दुनिया के लिए प्रेम और करुणा भरी थी। निशा के पास एक खास उपहार था—वह प्रकृति से जुड़ी थी और उसकी आवाज़ सुन सकती थी। जंगल, पेड़, और जानवर उसके दोस्त थे, और वह अक्सर गाँव वालों की मदद करती थी।
लेकिन उसकी जिंदगी में एक मोड़ तब आया, जब वह एक युवा राजकुमार, आरव, से मिली। आरव ने निशा को जंगल में घूमते हुए देखा और पहली नज़र में उसे प्रेम हो गया। निशा भी आरव के प्रति आकर्षित हो गई। दोनों के बीच धीरे-धीरे प्रेम पनपने लगा। आरव और निशा अक्सर जंगल में मिलते और जीवन के सपने बुनते। लेकिन राजकुमार के पिता को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। एक किसान की बेटी और एक राजकुमार का प्रेम उस समय के सामाजिक बंधनों से परे था।
राजा ने इस प्रेम को खत्म करने का आदेश दिया। एक जादूगरनी को बुलाया गया, जिसने निशा पर एक शाप डाला। वह शाप इतना क्रूर था कि निशा की आत्मा को अंधकार में बदल दिया। वह अब एक पिशाचिनी बन गई थी, जिसका दिल ठंडा और उसकी आँखों में अंधेरा छा गया। उसकी सुंदरता में अब डर और दर्द समा गया था, और वह लोगों की आत्माओं को खींचकर अपनी शक्ति बढ़ाने लगी।
राजकुमार आरव निशा को बचाने की कोशिश करता रहा, लेकिन निशा का शाप उसे उसके पास नहीं आने देता था। निशा, अब एक पिशाचिनी बन चुकी थी, और उसने खुद को जंगल में बंद कर लिया था। वह नहीं चाहती थी कि कोई उसे इस रूप में देखे, खासकर आरव। उसका दिल अब भी आरव के लिए धड़कता था, लेकिन वह जानती थी कि वह उसके लिए खतरनाक बन चुकी है।
एक दिन, आरव ने फैसला किया कि वह निशा को बचाने के लिए कुछ भी करेगा। उसने एक प्राचीन किताब से जाना कि निशा को शाप से मुक्ति दिलाने के लिए उसे एक विशेष जादुई फूल चाहिए, जो केवल उस पहाड़ की चोटी पर उगता था, जहाँ आज तक कोई जीवित नहीं लौटा था। आरव ने बिना सोचे-समझे उस खतरनाक यात्रा पर जाने का फैसला किया।
रास्ता कठिन और भयानक था, लेकिन आरव अपने प्रेम के बल पर आगे बढ़ता रहा। आखिरकार, वह उस पहाड़ की चोटी पर पहुँचा और जादुई फूल को प्राप्त कर लिया। लेकिन जैसे ही वह फूल लेकर वापस जंगल में निशा के पास पहुँचा, निशा ने उसे दूर जाने के लिए कहा। वह नहीं चाहती थी कि आरव उसकी वजह से किसी और मुसीबत में पड़े।
आरव ने निशा से कहा, मैं तुमसे हमेशा प्यार करता रहा हूँ और करता रहूँगा, चाहे तुम किसी भी रूप में क्यों न हो। यह शाप हमें अलग नहीं कर सकता। मैं तुम्हें वापस वही निशा बनते देखना चाहता हूँ, जिससे मैं प्यार करता हूँ।
आरव ने वह जादुई फूल निशा के सामने रखा और उसे छूने के लिए कहा। निशा ने पहले मना किया, लेकिन आरव के प्रेम और विश्वास ने उसे अपनी ओर खींच लिया। जैसे ही उसने फूल को छुआ, एक उज्ज्वल प्रकाश उसके चारों ओर फैल गया। अंधकार धीरे-धीरे खत्म होने लगा, और निशा का शरीर फिर से वही पुरानी सुंदरता में बदल गया। उसका पिशाचिनी रूप खत्म हो गया था, और वह फिर से इंसान बन गई थी।
दोनों की आँखों में आँसू थे। निशा और आरव एक-दूसरे के गले लगे, और उनका प्रेम फिर से जीत गया। शाप टूट चुका था, और निशा अब फिर से वही मासूम और करुणामयी लड़की बन चुकी थी।
गाँव के लोग, जो पहले निशा से डरते थे, अब उसकी बहादुरी और प्रेम की ताकत की प्रशंसा करते थे। आरव और निशा ने एक साथ एक नई जिंदगी शुरू की, जहाँ प्रेम ने सभी बुराइयों को हराया।
इस तरह, पिशाचिनी निशा की दर्दनाक प्रेम कहानी एक सुखद अंत में बदल गई, जहाँ सच्चे प्रेम और समर्पण ने अंधकार और शाप को मात दी।
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