दिव्य संवाद पटना, क्या PLV का अस्तित्व खतरे में है दरअसल कई विद्वानों एवं बुद्धिजीवियों का वीडियो आए दिन सोशल मीडिया पर देखा जाता है। जिसमें यह दावा किया जाता है कि वर्तमान नालसा के एक्टिविटी से यह लगता है कि आए दिन पीएलभी का अस्तित्व खतरे में है। PLV से अपील की जा रही है कि पीएलभी साथियों एकजुट हो जाओ तभी तुम्हारा भला होगा। अन्यथा आने वाले दिनों में पीएनभी का अस्तित्व ही नहीं रहेगा ।
दोस्तों इन्ही सवालों के जवाब में दिव्य संवाद न्यूज़ टीम कुछ तथ्यों को आपके सामने रखकर इन सवालों का जवाब तलाशने का प्रयास किया है।
साथियों आप यदि पीएलभी हैं, तो आपको मालूम होगा कि पीएलभी का अस्तित्व कैसे बना। PLV कोई बाजार के सब्जी दुकान का नौकर नहीं है, कि जब चाहे निकाल दिया जब चाहा दूसरा रख लिया। पीएलभी को 1 वर्ष के लिए चुना गया था। सरकारी नोटिफिकेशन के अनुसार प्रत्येक वर्ष PLV को चुना जाना था। पुराने पीएलभी के लिए उनके कार्य के आधार पर चुना जा सकता है।
सरकारी वेबसाइट के अध्ययन से कहीं भी इस तरह का सूचना नहीं मिला जिससे यह पता चले कि पीएलभी का अस्तित्व खतरे में है। जहां तक सवाल है एकजुटता का तो यह बात से हमारी टीम पूरी तरह से सहमत है। एकजुटता होनी चाहिए और पीएलभी हद तक एकजुट है भी। किंतु एकजुटता बनाने के लिए इस तरह से डराना सही नहीं है।
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कुछ दिन पहले पीएलभी साथियों की कमेटी का भी गठन हुआ और अधिकाधिक पीएलभी इसमें शामिल भी हुए। दुखद बात यह है कि जहां कमेटी बनी एवं जहां कमेटी नहीं बनीं, दोनों में तुलना किया जाए तो कोई भी अंतर नहीं दिख रहा है। अर्थात जो भी कमेटी बनी न तो कोई खास योजना पर कार्य किया न हीं अभी तक कोई खास योजना कमेटी के पास है, और ना ही कमेटी कि दोबारा कोई मीटिंग हुई।
जहाँ तक PLV के अस्तित्व का सवाल है विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि 31 मार्च 2020 तक पुराने पीएलभी कार्य करेंगे। उसके बाद पुनः बहाली होगी। जिसमें पुराने पीएलभी भी आवेदन कर सकते हैं। इस नोटिफिकेशन से यह बात और स्पष्ट हो जाती है कि पीएलभी का अस्तित्व दूर-दूर तक खतरे में नहीं दिख रहा है बल्कि पीएलभी की नव नियुक्ति होगी।
इस स्थिति में इस तरह का वायरल मैसेज झूठा प्रतीत हो रहा है। पीएलभी साथियों को ऐसे वीडियो मैसेजेस पर ध्यान ना देकर अपने कार्य पर ध्यान देना बेहतर होगा। PLV को सही जानकारी के लिए समय-समय पर सरकारी वेबसाइट एवं नोटिफिकेशन का अध्ययन करते रहना चाहिए न की अफवाह पर ध्यान देना चाहिए।
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नालसा की सरकारी वेबसाइट https://nalsa.gov.in/
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