फॉर्बेसगंज में चुनावी सभा को संबोधित करते पीएम मोदीबिहार चुनाव के तीसरे चरण के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अररिया में हुंकार भरी। अररिया के फारबिसगंज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने राजद-कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि इन लोगों ने पहले चुनाव को मजाक बनाकर रख दिया था।

पीएम मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि बिहार में एनडीए की ही सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि बिहार ने डबल युवराजों को नकार दिया है और इस बार फिर से एनडीए की ही सरकार बनेगी। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि पहले मतदान नहीं होता था, बल्कि मत को छीन लिया जाता था। तो चलिए जानते हैं

पीएम मोदी ने फारबिसगंज रैली में क्या-क्या कहा है…

कोरोना काल में बिहार के लोगों ने दुनिया को संदेश दिया

कोरोना के संकटकाल में बिहार के लोग अपने घरों से निकल रहे हैं, इतनी बड़ी संख्या में मतदान कर रहे हैं। लोकतंत्र की इतनी बड़ी ताकत, लोकतंत्र के प्रति हर बिहारी का इतना बड़ा समर्पण ये पूरे विश्व के लिए एक भरोसा जगाने वाली घटना है।

कोरोना जैसे कठिन समय में इतनी सावधानियों के साथ चुनाव कराने के लिए मैं देश के चुनाव आयोग को लाख-लाख बधाई देता हूं। मैं बिहार की धरती से चुनाव आयोग, प्रशासन के कर्मचारियों और सुरक्षा बलों के जवानों का भी हृदय से अभिनंदन करता हूं।

बिहार ने डबल युवराजों को नकारा, फिर बनेगी एनडीए की सरकार

बिहार की पवित्र भूमि ने ठान लिया है कि इस नए दशक में बिहार को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे। बिहार के लोगों ने जंगलराज को, डबल-डबल युवराजों को सिरे से नकार दिया है। आज एनडीए के विरोध में जो लोग खड़े हैं, वो इतना कुछ खाने-पीने के बाद अब फिर से बिहार को लालच भरी नजरों से देख रहे हैं। लेकिन बिहार की जनता जानती है कि कौन बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और कौन अपने परिवार के विकास के लिए

तब मतदान नहीं होता था, मत छीन लिया जाता था - पीएम मोदी

आज बिहार में अहंकार हार रहा है, परिश्रम फिर जीत रहा है। आज बिहार में घोटाला हार रहा है, लोगों का हक़ फिर जीत रहा है। आज बिहार में गुंडागर्दी हार रही है, कानून का राज वापस लाने वाले फिर जीत रहे हैं। बिहार वो दिन भूल नहीं सकता, जब चुनाव को इन लोगों ने मजाक बनाकर रख दिया था। इन के लिए चुनाव का मतलब था- चारो तरफ हिंसा, हत्याएं, बूथ कैप्चरिंग।

बिहार के गरीबों से इन लोगों ने वोट देने तक का अधिकार छीन रखा था। तब मतदान नहीं होता था, ‘मत छीन लिया जाता था, वोट की लूट’ होती थी, गरीब के हक की लूट होती थी। बिहार में गरीब को सही मायनों में मतदान का अधिकार एनडीए ने दिया है।

बिहार को फिर एक बार डबल इंजन की ताकत मिलेगी- पीएम मोदी

अगर बिहार में पहले जैसे ही हालात होते, तो सच मानिए, गरीब मां का ये बेटा कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाता, आपका प्रधान सेवक नहीं बन पाता। आज जब गरीब को अपना अधिकार मिला है, तो वो उसने देश की राजनीति की दिशा तय करने की कमान भी खुद संभाल ली है।

बीते दशक में जंगलराज के प्रभावों को कम किया गया, अब ये दशक बिहार की नई उड़ान का है, नई संभावनाओं का है। बिहार को जब फिर इस बार डबल इंजन की ताकत मिलेगी, तो यहां का विकास पहले से भी तेज गति से होगा। बिहार अब उन लोगों को पहचान चुका है जिनका एकमात्र सपना है कि किसी तरह लोगों को डराकर, अफवाह फैलाकर, लोगों को बांटकर किसी भी तरह से सत्ता हथिया लेना है। इनकी तो बरसों से यही सोच है, इन्होंने यही देखा है, यही समझा है, यही सीखा है।

इसीलिए आज कांग्रेस के सौ सांसद भी नहीं- पीएम मोदी

बिहार में कहा जाता है- अनकर धन पाईं, त नौ मन तौलाईं। स्वार्थ का भाव ये कि जब दूसरे का पैसा है, तो जितना चाहे खरीदो, क्या फर्क पड़ता है। जब जनता का पैसा है, तो जितना चाहे लूटो। ये लोग जनता के लिए, आपके लिए काम नहीं कर सकते। झूठ बोलकर कांग्रेस ने देश के लोगों के क्या-क्या सपने दिखाए।

चुनाव से पहले कहते थे गरीबी हटाएंगे, किसान का कर्जा माफ करेंगे, टैक्स कम करेंगे। बातें बहुत कीं, लेकिन इतिहास गवाह है, दस्तावेज गवाह हैं कि इन्होंने इसमें से एक भी काम नहीं किया, सिर्फ लोगों को गुमराह किया। आज कांग्रेस की हालत ये है कि लोकसभा और राज्यसभा को मिला दें, तो भी उसके पास 100 सांसद नहीं हैं।

इसलिए चुनाव जीतता है मोदी- PM

कुछ लोगों को ये परेशानी है कि मोदी चुनाव क्यों जीतता है। मोदी चुनाव इसलिए जीतता है क्योंकि माताओं-बहनों की चिंता दूर करने का काम मोदी करता है। इसलिए माताएं मोदी को आशीर्वाद देती रहती हैं। इसलिए ये गरीब का बेटा, गरीबों की सेवा में अपना जीवन खपाता रहता है।

गरीब की दिक्कतों को जो समझते हैं, वही गरीब के लिए काम करते हैं। गरीब-गरीब की माला जपते हुए मूर्ख बनाकर अपने महल बनाने वाले, अपने दूर के रिश्तेदारों तक के लिए महल बनाने वाले लोग, आपका दर्द नहीं समझ सकते।

आज बिहार की पहचान बदल रही है- मोदी

एक समय था जब बिहार की पहचान बहुत सी नकारात्मक बातों से होने लगी थी। इस पहचान के जिम्मेदार कौन थे? मुझसे ज्यादा पहले के हालातों को बिहार से लोग जानते हैं। बिहार का बच्चा-बच्चा दुनिया में कहीं पर भी हो, इन बातों को भली-भांति जानता है

आज बिहार की पहचान बदल रही है। कुछ दिनों पहले ही बिहार के हर गांव को ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जोड़ने के अभियान की शुरुआत हुई है। इससे बिहार के युवा घर बैठे ही देश और दुनिया में अच्छी पढ़ाई और बिजनेस के अवसरों से जुड़ पाएंगे